वैसे तो वसंत संपत हर साल 21 मार्च को आता है। लेकिन इस साल आपको वसंत संपत 20 मार्च को देखने को मिलेंगे।

प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को सूर्य भूमध्य रेखा पर आता है। जिसके कारण दिन और रात बराबर होते हैं।

इससे पहले साल 2016 और 2017 में भी ऐसा ही हुआ था. इन दोनों वर्षों में भी सूर्य 20 मार्च को भूमध्य रेखा पर पहुंचा था।

इस खगोलीय घटना को वसंत विषुव भी कहा जाता है।

इस खगोलीय घटना के बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। इस दौरान सूर्य की किरणों की तीव्रता भी बढ़ने लगती है।

इस बार यह स्थिति 20 मार्च को बन रही है। इस दिन भूमध्य रेखा पर खड़े होकर सूर्य सीधे सिर के ऊपर दिखाई देगा और एक निश्चित समय के बाद उसकी छाया शून्य हो जाएगी।

वसंत संक्रांति के साथ सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करता है। इससे दिन धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है, फिर रातें छोटी होने लगती हैं।

भूमध्य रेखा चौदह देशों से होकर गुजरती है। पृथ्वी की सतह पर अधिकांश भूमध्यरेखीय क्षेत्र समुद्री हैं।

भूमध्य रेखा के आसपास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने के लिए अच्छे माने जाते हैं। गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरौ और फ्रेंच गुयाना का अंतरिक्ष केंद्र भूमध्य रेखा पर स्थित हैं।

खगोलीय घटना और परिवर्तन के बीच 20 मार्च को दिन और रात बराबर 12-12 घंटे के होंगे।